शहर के उद्योगपति नरेश वसाइनी पिछले दिनों केरल गए थे। कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते उन्होंने 24 मार्च को एमआर टीबी हॉस्पिटल पहुंचकर जांच करवाई। डॉक्टरों ने उन्हें 27 मार्च तक भर्ती रखा। भास्कर से उन्होंने आपबीती साझा की और संभागायुक्त के साथ कलेक्टर से अपील की कि इस व्यवस्था को सुधारा जाए ताकि आइसोलेशन वार्ड में रह रहे लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार न हो।
नरेश वसाइनी ने बताया ‘मेरे साथ इटारसी के रहने वाले गुरतेज सिंह भाटिया भी थे। वे भी जांच करवाने आए थे। सैंपल लेने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी तब तक आपको भर्ती रहना होगा। इसके बाद हमें एक ही वाहन से गुजराती कॉलेज के सामने स्थित लाल अस्पताल ले जाया गया। वहां चौथी मंजिल पर हम तीन दिन भर्ती रहे। 26 मार्च की शाम को हमें कहा गया कि आपकी रिपोर्ट निगेटिव आई है और सामान लेकर नीचे आ जाएं।
हम पांच पेशेंट नीचे उतरे। मैंने नर्स से कहा कि मैं गाड़ी बुलवा लेता हूं तो हमें कहा गया कि शहर में कर्फ्यू है। आपको हमारी गाड़ी से छोड़ेंगे। इसके बाद फिर एक गाड़ी से हमें रात 9 बजे सेंट्रल कोतवाली थाने के सामने स्थित एमटीएच अस्पताल की चौथी मंजिल पर ले गए। हमने पूछा कि यहां क्यों ले आए, आप तो डिस्चार्ज का बोल रहे थे। वहां की नर्स ने कहा हमें कुछ नहीं पता अब आप लोगों को यहीं रहना होगा।